नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर-वर्षा आधारित क्षेत्र विकास कार्यक्रम
परिचयः-
- वर्षा आधारित क्षेत्रों में कृषि उत्पादकता में वृद्धि करने हेतु इस मिशन के अंतर्गत वर्षा आधारित क्षेत्रों का विकास, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन संबंधित घटकों को सम्मिलित किया गया है।
- मिशन का क्रियान्वयन कलस्टर एप्रोच आधारित है, जिसमें 100 हैक्टेयर या अधिक क्षेत्र एवं एक गांव अथवा आस-पास के लगातार या अलग-अलग गांव/ढाणियों को शामिल किया गया है।
देय लाभ :-
क्र.सं. |
(अ)- मुख्य गतिविधि का नाम |
अनुदान प्रक्रिया |
1 |
उद्यानिकी आधारित कृषि पद्धति |
50 प्रतिशत अथवा अधिकतम रूपये 25,000/- प्रति हैक्टेयर |
2 |
पेड आधारित कृषि पद्धति |
50 प्रतिशत अथवा अधिकतम रूपये 15,000/- प्रति हैक्टेयर |
3 |
पशुपालन आधारित कृषि पद्धति -गाय/भैंस -आधारित पद्धति |
50 प्रतिशत अथवा अधिकतम रूपये 40,000/- प्रति हैक्टेयर |
4 |
बकरी/भेड़- आधारित पद्धति |
50 प्रतिशत अथवा अधिकतम रूपये 25,000/- प्रति हैक्टेयर |
क्र.सं. |
(ब)- सहायक गतिविधि का नाम |
अनुदान प्रक्रिया |
1 |
वर्मी कम्पोस्ट (स्थाई संरचना) इकाई की स्थापना |
50 प्रतिशत अथवा अधिकतम रूपये 50,000/- प्रति फार्म पौण्ड |
2 |
कृषक प्रशिक्षण |
02 दिवसीय, 20-25 किसान, रूपये 10,000/- प्रति प्रशिक्षण |
- पात्रता :-
- कृषक के स्वयं के नाम से भूमि।
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक कृषक को अधिकतम 2 हैक्टेयर क्षेत्र के लिए अनुदान सहायता दी जा सकती है। सहायता हेतु अधिकतम राशि प्रति कृषक रूपये 1.00 लाख तक सीमित होगी। कम जोत उपलब्धता वाले क्षेत्रों में कृषक चयन की न्यूनतम जोत 0.25 हेक्टेयर रखी जा सकती है।
आवेदन प्रक्रिया :-
- कलस्टर (गॉव तथा किसान) का चयन कृषि पर्यवेक्षक द्वारा बैठक आयोजित कर किया जावेगा।
- चयनित कृषक द्वारा जमाबंदी, फोटो, आधारकार्ड, भामाशाह कार्ड, बैंक खाता संख्या आदि कृषि पर्यवेक्षक को उपलब्ध करवाई जायेगी ।
- विभिन्न गतिविधियों के पूर्ण होने पर भौतिक सत्यापन के उपरान्त कृषक के खाते में अनुदान राशि का सीधा हस्तान्तारण (डी.बी.टी.) किया जाता है।
कहां सम्पर्क करें :-
- ग्राम पंचायत स्तर पर :- कृषि पर्यवेक्षक कार्यालय
- पंचायत समिति स्तर पर :- सहायक कृषि अधिकारी कार्यालय
- उप जिला स्तर पर :- सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) कार्यालय
- जिला स्तर पर :- उप निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद कार्यालय